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प्रेरणादायक कहानियां

गोपाल बोला – ” क्या करूं ! इसके अतिरिक्त कोई अन्य उपाय भी तो नहीं है |”

राजा कहने लगा – ” तुम ऐसा करो | मेरा एक बैल ले आओ |”

गोपाल बोला – ” किंतु; मेरे पास इतना समय नहीं है |”

राजा बोला – ” सुनो भाई ! तुम इस स्त्री को बेल लाने भेज दो | जब तक यह आएगी | तब तक मैं उसकी जगह काम करूंगा |

गोपाल की स्त्री ने कहा – ” तुम तो बेल देने को तैयार हो, पर तुम्हारी पत्नी ने इनकार कर दिया तो |”

राजा बोला -” तुम चिंता मत करो ऐसा नहीं होगा |”

गोपाल राजी हो गया |

उसकी स्त्री बैल लेने चली गई और राजा ने हल का जुआ अपने कंधे पर रख लिया |

किसान की स्त्री राजा के महल में पहुंची और उसने रानी के पास जाकर राजा की बात कही | तो वह बोली – ” अरी बहन ! एक बेल से कैसे काम चलेगा तुम्हारा | तुम्हारा बेल तो कमजोर होगा | हमारा बेल मजबूत है | दोनों साथ काम नहीं कर पाएंगे | तुम हमारे दोनों बैल ले जाओ |”

स्त्री को बड़ा आश्चर्य हुआ | उसे तो डर था कि वह कहीं एक बैल देने से इंकार न कर दे यहां तो एक छोड़ रानी दोनों बैलों को देने को राजी हो गई |

स्त्री बेलों को लेकर आई और पूरे खेत की बुवाई हो गई | कुछ समय पश्चात फसल हुई | गोपाल ने देखा तो वह आश्चर्य में पड़ गया | सारे खेत में अनाज पैदा हुआ है; किंतु जितनी जमीन पर राजा ने हल चलाया था और उसका पसीना बहा था | ” इतनी जमीन पर मोतियों उगे थे |”

यह सच्ची मेहनत का फल था | जहां राजा अपनी प्रजा की भलाई के लिए अपना पसीना बहुत आता है | वहां ऐसा ही फल प्राप्त होता है |

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